उन्नाव मे ढाबो पर चल रहे अवैध धंधे

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*✍️पुरवा उन्नाव अपडेट :**

👉खबर पुरवा :* *कोतवाली क्षेत्र के मंगतखेड़ा से है, जहां ढाबा संचालकों के अवैध काम सर चढ़कर बोल रहे हैं, मंगत खेड़ा में स्थित प्रकाश ढाबा जो पहले कमला ढाबा, फिर उसके बाद खुशी ढाबा के नाम से संचालित था, लेकिन वर्तमान समय में यह प्रकाश ढाबा के नाम से संचालित है, ढाबा मालिकों द्वारा अवैध संचालन के साथ-साथ समय-समय पर ढाबे का नाम भी बदला गया, क्योंकि ढाबे में अवैध काम दो नंबर के धंधे आज भी जारी है, इस ढाबा के मालिक रमेश उर्फ लेखपाल है, जिन्होंने लाखों रुपए लगाकर इस ढाबे का निर्माण कराया था, अवैध धंधों में सफलता नहीं मिली तो ढाबे को किराए पर उठा दिया, खुद को समाजवादी पार्टी का बड़ा नेता बताने वाले रमेश उर्फ (लेखपाल) सपा सरकार में ढाबे पर इनके द्वारा खूब अनैतिक कार्य काराये गये, 2012 से 2017 के बीच का समय रमेश के लिए मानो संजीवनी बूटी था, क्या थाना क्या पुलिस, क्या ब्लॉक, क्या तहसील, सब कुछ उनकी मुट्ठी में था, लेकिन जैसे-जैसे समय बदला, सरकार बदली, और रमेश का रुतबा भी कम होने लगा, इतना भी काम नहीं हुआ की, ढाबे पर अवैध धंधे बंद हो जाएं, खुद ढाबा ना चला कर, दूसरे के कंधों पर रख कर बंदूक चलाने वाले, रमेश यादव ने ढाबे को किराए पर उठा दिया, और उनके अवैध तथा गोरख धंधे जारी रहे, ढाबे पर अवैध रूप से शराब की बिक्री, गंजे की बिक्री, ट्रक ड्राइवर से कम दामों पर डीजल लेकर डीजल को अन्य लोगों को ज्यादा दामों पर बेचना, क्या 15 अगस्त, क्या 26 जनवरी, इस ढाबे पर गांजे और शराब का भंडार रहता है, शासन और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर, हर महीने लाखों रुपये, इस अवैध धंधे से रमेश द्वारा कमाए जा रहे हैं, सूत्रों की माने तो इस ढाबे पर चरस, और स्मैक, की भी बिक्री होती है, इस गोरख धंधे में ढाबा संचालक रमेश के ऊपर किसी बड़े  नेता का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है, 15 अगस्त को जहां एक ओर उन्नाव जनपद के समस्त शराब ठेके बंद थे, तो वहीं दूसरी तरफ इस ढा़वे पर अधिक मूल्य पर शराब देर रात तक विकती रही, जबकि मंगतखेड़ा पुलिस चौकी से ढाबे की दूरी महज 1 किलो मीटर है, फिर भी स्वतंत्रता दिवस के दिन अवैध रूप से इस ढा़वे पर शराब बिकती रही, आखिर ऐसे ढाबा संचालकों के ऊपर कारवाई कब होगी, या फिर सब कुछ जानकार भी प्रशासन अनजान बना रहेगा, कार्रवाई होगी, या फिर जांच में ही रमेश यादव को प्रशासन की तरफ से क्लीन चिट मिलेगी, या फिर ले देकर मामले को दबा दिया जाएगा, आखिरकार इस बार बाबा का बुलडोजर क्यों शांत है, यह तो समय पर ही निर्भर है! ✍️🖕*

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